राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को जमीयत-ए-अहलेहदीथ जम्मू कश्मीर के प्रमुख शौकत अहमद शाह की हत्या के मामले में सभी आरोपियों को बरी करने वाली रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। एनआईए ने शनिवार को कहा कि कुछ मीडिया घरानों द्वारा भ्रामक समाचार प्रकाशित किया गया था कि श्रीनगर में एनआईए कोर्ट ने जमीयत-ए-अहलेहदीथ प्रमुख की हत्या के मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
जांच एजेंसी ने कहा है कि साल 2020 में सभी 11 केसों में स्पेशल कोर्ट ने फैसले सुनाए हैं और एनआईए 100 फीसदी सजा दिलाने में सक्षम है। एनआईए ने कहा कि मीडिया द्वारा प्रसारित की गई रिपोर्ट गलत सूचना के आधार पर तैयार की गई है। दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट ने खबर प्रसारित की थी कि आरोपियों को बरी करने की बात कही थी।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि एनआईए की एक अदालत ने 2011 में शहर के मैसूमा इलाके में एक मस्जिद के बाहर कम तीव्रता के धमाके में ‘जमीयत-ए-अहलेहदीथ जम्मू कश्मीर के प्रमुख शौकत अहमद शाह की हत्या के मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण कानून के तहत निर्दिष्ट अदालत के न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को 156 पन्ने के आदेश में शाह की हत्या के सभी आरोपियों को आरोपों से बरी कर दिया।
आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन उन परिस्थितियों को साबित करने में नाकाम रहा जिसके तहत माना गया कि आरोपियों ने आपराधिक साजिश कर शाह की हत्या की होगी। अदालत ने मामले में जांच अधिकारी से पूछताछ नहीं कर पाने के लिए अभियोजन के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की।